संस्कृत भाषायां शुभकामना: (संस्कृत भाषा में शुभकामनाएँ ) The order of sentences is: Sanskrit 👇 Hindi 👇 English १ नमस्ते प्रणाम Hello २ शुभकामना: शुभकामनाएँ Greetings ३ मम शुभकामना: मेरी शुभकामनाएँ। My Greetings ४ अनुगृहीतोSस्मि आपका आभारी हूँ / कृतज्ञ हूँ। (पु.) I'm grateful to you.(Male) ५ अनुगृहीताSस्मि आपकी आभारी हूँ / कृतज्ञ हूँ।(स्त्री.) I'm grateful to you(female) ६ धन्योSस्मि। आपका आभारी हूँ / कृतज्ञ हूँ। (पु.) Your thankful (male) ७ धन्याSस्मि। आपकी आभारी हूँ / कृतज्ञ हूँ।(स्त्री.) Your thankful(female) ८ मुदितोSस्मि मैं खुश हूँ। (पु.) I'm happy (Male) ९ मुदिताSस्मि मैं खुश हूँ। (स्त्री.)
कारक प्रकरण सूत्र: - क्रियान्वयि_कारकं। व्याख्या :- क्रिया के साथ जिसका प्रत्यक्ष संबंध हो, उसे कारक कहते हैं। यथा:- राम संस्कृत पढता है । रामः संस्कृतम् पठति । (यहां राम और संस्कृत कारक है संस्कृत भाषा में छः कारक होते हैं । १) कर्ता २) कर्म ३) करण ४) सम्प्रदान ५) अपादान ६) अधिकरण। तथ्य :- सम्बन्ध और सम्बोधन कारक नहीं है, इसे मात्र विभक्ति माना जाता है । विभक्ति: सूत्र :- संख्याकारकबोधयित्री_विभक्ति:। व्याख्या :- जो कारक और वचन विशेष का बोध कराये ,उसे विभक्ति कहते है। दूसरे शब्दों में, जिसके द्वारा कारकों और संख्याओं को विभक्त किया जाता है उसे विभक्ति कहते हैं। विभक्ति के प्रकार : विभक्तियाँ सात हैं - १.प्रथमा २.द्वितीया ३.तृतीया ४.चतुर्थी ५.पंचमी ६.षष्ठी ७.सप्तमी । कारक के नाम चिह्न विभक्ति कर्ता ने प्रथमा कर्म को
।। श्रीहरिः शरणम् ।। व्याकरण अध्ययन (धातुगण) Vyakaran (Dhatu gana) आज हम धातु के गणों के बारे में पढ़ेंगे संस्कृत में धातुगण 10(भ्वादि से चुरादि तक) होते है, नीचे इन धातुओं के कुछ उदाहरण है:- In Sanskrit There are 10 gana (Parts) of Dhatu (from भ्वादि to चुरादि)। Below there are few examples based on these gana:- १. भ्वादि = भवति, खादति, पठति। २. अदादि = अत्ति, वक्ति, हन्ति ३. जुहोत्यादि = जुहोति, जहाति, बिभेति। ४. दिवादि = दीव्यति, नृत्यति, विध्यति। ५. स्वादि = सुनोति, आप्नोति, शृणोति। ६. तुदादि = तुदति, नुदति। ७. रुधादि = रुणद्धि, भिनत्ति, छिनत्ति। ८. तनादि = तनोति, करोति। ९. क्र्यादि = क्रीणाति, जानाति, प्रीणाति। १०. चुरादि = चोरयति, स्पृहयति, गणयति। व्याकरण-अध्ययन धातुगण-२ (Vyakaran DhatuGana-2) जैसा कि आपको भान है भ्वादि से चुरादि तक 10 गण होते हैं। इन गणों को विकरणप्रत्यय के हिसाब से बाँटा गया है। विकरण प्रत्यय क्या होते है ? विकरण प्रत्यय वे होते हैं, जो धातु और तिङ् (ति तः अन्
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