संस्कृत में अनुस्वार के नियम

                                                        अनुस्वार के नियम


शब्द के अन्त में म् के बाद कोई व्यञ्जन हो तो उसका अनुस्वार हो जाता है।


उदाहरण- हरिम् + वन्दे= हरिं वन्दे । यहां “म्" को अनुस्वार हो गया क्योंकि व्यञ्जन “व्” परे है।


१) गुरुम् + नमति= गुरुं नमति ।

२) कम् + चित्= कंचित् ।

३) कार्यम् + कुरु=कार्यं कुरु ।

४) पुस्तकम् + पठति =पुस्तकं पठति ।


इसके विपरीत यदि "म्" के बाद स्वर हो तो अनुस्वार अपरिवर्तित रहता है जैसे:-


१) कथम् अस्ति ?

२) विद्यालयस्य पुरतः सुन्दरम् उद्यानं वर्तते।

३) त्वम् आगच्छसि ।


नोट:- सामान्यतः अनुस्वार नियमों के प्रयोग में दुविधा रहती है इसलिए संक्षेप में अनुस्वार के कुछ मुख्य नियमों को यहाँ समझाया गया है। यह अनुस्वार की पूर्ण व्याख्या नही है।

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 व्याकरण संबंधी पोस्ट हेतु क्लिक करें:-

     - विसर्ग संधि (Visarg Sandhi)

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